Friday, October 7, 2011

सांप हो तो सांप बनो........

प्रिय सांप ......
सांप हो तो सांप बनो......
विष उगलो या केंचुली छोड़ दो........
इसी में तुम्हारे सांपत्व kaa samman hai
aasteen ka saanp banana to tumhari prajati kaa apman hai...

सांप हो तो सांप बनो

रोहित/ पाण्डु से साभार

एक प्रयास और ......

आज एक और प्रयास कर रहा हूँ अपने पुराने ब्लॉग के ज़रिये अपनाअंतर्मन निकलने का।


बाकि अपन देखते हैं.........

Tuesday, July 6, 2010

कोई अपनी ही नज़र से तो हमे देखेगा

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाये कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आये कैसे

घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है
पहले ये तय हो की इस घर को बचाएं कैसे

कहकहा आँख का बर्ताव बदल देता है
हसने वाले तुझे आंसू नज़र आए कैसे

कोई अपनी ही नज़र से तो हमे देखेगा
एक कतरे को नज़र आए कैसे

Sunday, March 30, 2008

सच

सच हम नहीं ,सच तुम नहीं ,सच है महज संघर्ष ही