अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाये कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आये कैसे
घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है
पहले ये तय हो की इस घर को बचाएं कैसे
कहकहा आँख का बर्ताव बदल देता है
हसने वाले तुझे आंसू नज़र आए कैसे
कोई अपनी ही नज़र से तो हमे देखेगा
एक कतरे को नज़र आए कैसे